तेरे चेहरे की तलाश में रहता हूँ हर पल l
भीड़ में
अकेले में
फूलों में
पत्तों में
तेरे अक्स को बनाता हूँ l
वक़्त बेवक्त सोच सोच
अपनी आँखों में तेरी तस्वीर बनाता हूँ
तस्वीर जब तक पूरी न बन जाये
तब तक बेचैन सा रहता हूँ
तुझसे कब मुलाकात हो
ये सोच सोच एक पल शुकून
से नहीं रह पाता हूँ
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