Tuesday 1 October 2013

तेरे चेहरे की तलाश में रहता हूँ हर पल l

भीड़ में 

अकेले में

फूलों में 

पत्तों में 

तेरे अक्स को बनाता हूँ l

वक़्त बेवक्त  सोच सोच 

अपनी आँखों में तेरी तस्वीर बनाता हूँ

तस्वीर जब तक पूरी न बन जाये 

तब तक बेचैन सा रहता हूँ 

तुझसे कब मुलाकात हो

ये सोच सोच एक पल शुकून 

से नहीं रह पाता हूँ