Saturday 7 April 2012


तेरे मेरे बीच में
तेरे ख़यालों में खोया रहा उम्र भर 
तुझे जब ख्याल मेरा आया तब मैं था..


हल्की बौछारों और आँधी के साथ जब सावन भादों आये 
मैंने कहा कोई मुझे भी तो खोज ले
बारिश में भी आंसुओं से  चेहरा धोता रहा मैं...
आंसू जब सूखे तब मैं था..


तेरे ख़यालों में खोया रहा उम्र भर 
तुझे जब ख्याल मेरा आया तब मैं था..



ठिठुरती हुई सर्द आई..
तेरे हिस्से की बर्फ भी मुझे दे गयी..
बर्फ की तरह पिघलता रहा मैं
धूप जब आई तब मैं था..


तेरे ख़यालों में खोया रहा उम्र भर 
तुझे जब ख्याल मेरा आया तब मैं था..


हँसता हुआ जब वसंत आया 
मेरे सूनेपन की देहलीज़ पर फूल डाल गया
मैं उन फूलों में तुझे खोजता रहा 
जब तू मिला तब मैं था 

तेरे ख़यालों में खोया रहा उम्र भर 
तुझे जब ख्याल मेरा आया तब मैं  था..






जेठ की धूप अंगारों सी बरसी मुझ पर..
जी - भर के पानी पिया पर प्यास  बुझी
तेरे बालों का साया ढूँढता रहा..
साया जब मिला तब मैं था


तेरे ख़यालों में खोया रहा उम्र भर 
तुझे जब ख्याल मेरा आया तब मैं था..